वरदान- ( गीतांजली )

हिन्दी कोना - Thursday, November 3, 2011 12:45:49 PM



प्रभु ! विपत्तियों से मरी रक्षा करो-

यह प्रार्थना लेकर में तेरे द्वार नहीं आया,

विपत्तियों से भयभीत न होऊं यही वरदान दे.

अपने दुःख से व्यथित चित्त को-

सांत्वना देने की भिक्षा नहीं माँगता,

दुखों पर विजय पाऊं. यही आशीर्वाद दे यही प्रार्थना है.

मुझे बचा ले यह प्रार्थना लेकर मैं तेरे दर पर नहीं आया,

केवल संकट सागर में तैरते रहने की शक्ति माँगता हूँ.

मेरा भार हल्का कर दे यह याचना पूर्ण होने की सांत्वना नहीं चाहता,

यह भार वाहन करकर चलता रहूँ यही प्रार्थना है.

सुख भरे क्षणों में मैं नतमस्तक हो तेरे दर्शन कर सकूं,

किन्तु दुःख भरी रातों मैं जब सारी दुनिया मेरा उपहास करे,

तब शंकित न होऊं यही वरदान माँगता हूँ.





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Comments

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